UPSC CSE Comprehension 2025 Practice
Comprehension Part - 2
हेलो दोस्तों, आप सभी लोगों का Towards UPSC CSE में स्वागत है। दोस्तों आज हम UPSC CSE Comprehension 2025 Practice के बारे में जानेंगे।
UPSC CSE Comprehension 2025 Practice Comprehension Part - 2
निम्नलिखित परिचछेदों को ध्यान से पढ़ कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रश्नों के उत्तर केवल परिच्छेद पर आधारित होने चाहिए।परिच्छेद 8
धर्मनिरपेक्षता की वर्षों पुरानी सुदीर्घ परंपरा भारतीयों के लिए केवल सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि संवैधानिक दृष्टि से भी अनुकरणीय है। संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष शब्द का उल्लेख होने के कारण अब धर्मनिरपेक्षता भारत की नीतियों की प्राथमिक आवश्यकता बन गई है। वर्तमान में यह मुद्दा जिस तरह भारतीय राजनीति पर छाया हुआ है, वह देश के धार्मिक और सांस्कृतिक अध्यपतन को सूचित करता है। भारत में धर्मनिरपेक्षता की परंपरा को कायम रखना किसी कल्पना से कम नहीं है, परंतु भारतीयों ने इसे सत्य के धरातल पर स्थापित किया है।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद में सबसे अधिक विश्वासप्रद स्पष्टीकरण है?- a) धर्मनिरपेक्षता की परंपरा को भारत में सदैव कायम रखा गया है
- b) धर्मनिरपेक्षता को कायम रखने में संविधान की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही है
- c) धर्मनिरपेक्षता का पालन नहीं होने के कारण देश की छवि खराब हुई है
- d) धर्मनिरपेक्षता की परंपरा को भारत में सदैव कायम नहीं रखा जा सकता है
Answer: (a)
(a) विकल्प a में दिया गया कथन उपरोक्त परीच्छेद में सबसे अधिक विश्वासप्रद स्पष्टीकरण है। परिच्छेद के अनुसार, भारत में धर्मनिरपेक्षता की वर्षों पुरानी सुदीर्घ परंपरा रही है। संविधान के लागू होने के पश्चात यह श्व्यवस्था और भी सुदृढ़ हुई। इससे स्पष्ट होता है कि धर्मनिरपेक्षता की परंपरा को भारत में सदैव कायम रखा गया है। यद्यपि कभी-कभी यह राजनीति का मुद्दा बन जाता है, जिससे देश की छवि खराब होती है, लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं निकाला जा सकता है कि धर्मनिरपेक्षता की परंपरा को भारत में सदैव कायम नहीं रखा जा सकता है।ार को भी संरक्षित करती हैं।
परिच्छेद 9
भारतीय बच्चों में प्रवाहिका (डायरिया) से होने वाली मौतें मुख्यतः खाद्य और जल के संदूषित हो जाने के कारण होती हैं। कृषि में संदूषित भौमजल और असुरक्षित रसायनों का उपयोग, खाद्य-पदार्थों का भंडारण और रख-रखाव अस्वास्थकर तरीकों से किए जाने से लेकर खाद्य-पदार्थों के अस्वास्थकर परिवेश में पकाएं और वितरित किए जाने तक; ऐसे असंख्य कारक हैं, जिनके विनियमन और मॉनिटर की आवश्यकता है। लोगों को मिलावट के बारे में और संगत प्राधिकारियों को शिकायत करने के तरीकों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। खाद्य-संक्रामक रोगों की निगरानी करने में अनेक सरकारी अधिकरण शामिल हैं और निरीक्षण-कर्मियों को अच्छे प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसका विचार करते हुए कि शहरी जनसंख्या का कितना भाग अपने दैनिक भोजन के लिए गली-नुक्कड़ पर बिकने वाले भोजन पर निर्भर है, गली-नुक्कड़ पर भोजन बेचने वालों के प्रशिक्षण और शिक्षण में निवेश करना बड़े महत्व का है।
UPSC (CAST) 2019
उपरोक्त परिच्छेद के आधार पर निम्नलिखित पूर्णधाराएं बनाई गई हैं- 1) खाद्य सुरक्षा एक जटिल मुद्दा है, जिसके अनेक-विध समाधानों की आवश्यकता है।
- 2) निगरानी और प्रशिक्षण के लिए जनशक्ति बढ़ाने में भारी निवेश करने की आवश्यकता है।
- 3) भारत को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नियंत्रित करने हेतु पर्याप्त विधि-निर्माण करने की आवश्यकता है।
- a) 1 और 2
- b) केवल 3
- c) 1 और 3
- d) ये सभी
Answer: (d)
(d) उपरोक्त परिच्छेद के आधार पर सभी कथन पूर्णधारणा के रूप में वैध हैं। खाद्य संदूषण, प्रवाहिका (डायरिया) से होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण है। इस प्रकार अनेक विविध समाधानों की आवश्यकता है तथा निगरानी और प्रशिक्षण के लिए जनशक्ति बढ़ाने में भारी निवेश की आवश्यकता है। भारत में इस समस्या के समाधान हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नियंत्रित करने हेतु पर्याप्त विधि-निर्माण की आवश्यकता है।
परिच्छेद 10
पाठ्यक्रम निर्धारण में अध्यापकों की भागीदारी बेहद सीमित है। ग्रामीण बच्चों के लिए यह नीरस और अप्रसांगिक है। वह उनकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और वातावरण से मेल नहीं खाता है। पाठ्यक्रम में कृषि व उससे संबंधित जानकारी, वर्षा व मौसम की जानकारी, गोबर गैस संयंत्र आदि ग्रामोंपयोगी जानकारी का अभाव होता है। इसे समुदाय की आवश्यकताओं के आधार पर, बालकों की रुचि के अनुसार लचीला और सीखने की परिस्थितियों से संबंधित होना चाहिए, ताकि उनकी जीवन-शैली में अमूल्य परिवर्तन न हो और न ही उनके जीवन का लय भंग हो। अध्यापकों को छूट देनी चाहिए कि वे स्कूल के सामाजिक, सांस्कृतिक और भौतिक परिवेश के किसी पहलू को पाठ्यक्रम से जोड़ सकें।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा एक उपरोक्त परीच्छेद में युक्ति के एक अंश के रूप में न्यूनतम आवश्यक है?- a) भारत में प्राथमिक शिक्षा से जुड़े विषयों को पहचाना नहीं जा सकता है
- b) आधुनिक पाठ्यक्रम ग्रामीण बच्चों के लिए निरर्थक है
- c) बच्चे की अभिरुचि एवं पाठ्यक्रम के बीच अंतर्निहित संबंध होना चाहिए
- d) अध्यापक को पाठ्यक्रम निर्धारण के अयोग्य समझा जाता है
Answer: (c)
(c) विकल्प c में दिया गया कथन उपरोक्त परीच्छेद में युक्ति के एक अंश के रूप में न्यूनतम आवश्यक है, जिसके अनुसार बच्चे की अभिरुचि एवं पाठ्यक्रम के बीच अंतर्निहित संबंध होना चाहिए। भारत में प्राथमिक शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम का निर्माण विशेषज्ञों की समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें अध्यापकों की भागीदारी सीमित होती है। आधुनिक पाठ्यक्रम को ग्रामीण बच्चों के लिए निरर्थक नहीं माना जा सकता है, क्योंकि वे उपयोगी हैं। बच्चे की अभिरुचि एवं पाठ्यक्रम के बीच अंतर्निहित संबंधों का ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए, लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि पाठ्यक्रम का निर्धारण सभी बच्चों को ध्यान में रखकर किया जाता है, न कि किसी वर्ग विशेष को।
परिच्छेद 11
गांव शब्द पर निगाह डालते ही तंग गलियों वाली, अंधकारपूर्ण कोठारियों और मलिन बस्तियों की एक झलक आंखों में तैर जाती है। ऐसा ज्ञात होता है कि समस्त कुरीतियां, अंधविश्वास एवं रूढ़ीगत मान्यताओं से यह स्थल समन्वित है। वर्तमान में गांवों का अवलोकन आश्चर्यजनक अनुभव प्रदान करता है। विकास की निरंतर प्रक्रिया ने गांव को नई परिभाषा दी है। निःसंदेह इस विकास प्रक्रिया का उदगमन बिंदु भारतीय कृषि विकास के अंकुरण में समाहित है भारतीय अर्थव्यवस्था की प्राणवायु कृषि विकास के बहुआयामी संभावनाओं के प्रकृटिकरण को उद्यत है।
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन उपरोक्त परिच्छेद में सर्वाधिक वैध पूर्णधारणा है?- a) तंग गलियां, अंधकारपूर्ण कोठारियां और मलिन बस्तियां गांव में ही पाई जाती हैं
- b) कुरितियां, अंधविश्वास एवं रूढ़ीगत मान्यताएं गांवों की उपज होती हैं
- c) समृद्धि एवं विकास के क्षेत्र में गांव हमेशा से पिछड़े रहे हैं
- d) वैचारिक स्तर पर गांव के लोग उदार, किंतु पिछड़े होते हैं
Answer: (c)
(c) विकल्प c में दिया गया कथन उपरोक्त परिच्छेद में सर्वाधिक वैध पूर्णधारणा है, जिसके अनुसार समृद्धि एवं विकास के क्षेत्र में गांव हमेशा से पिछड़े रहे हैं। गांव के संदर्भ में लोगों के विचार हमेशा इस बात की ओर संकेत करते हैं कि समाज में व्याप्त अधिकांश बुराइयां गांवों में ही पाई जाती हैं। ऐसा समझा जाता है कि वैचारिक स्तर पर भी गांव के लोग उदार, किंतु पिछड़े होते हैं। साथ ही गांव की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर होती है। इन समस्त कारणों से यह धारणा उभरकर आती है कि समृद्धि एवं विकास के क्षेत्र में गांव हमेशा पिछड़ रह जाता है।ं हो पा रही है।
परिच्छेद 12
विचारणीय यह है कि क्या महिलाएं, पुरुषों के रोजगार में पूर्ण या अंश रूप से साझा करने में सक्षम हैं या नहीं। रोजगार की विविधता लोगों की प्रकृति की भिन्नता पर आधारित होती है। विभिन्न प्रकृति के विभिन्न उपयोग होते हैं और पुरुष तथा महिलाओं की प्रकृति भिन्न होती है, लेकिन यह केवल एक मौखिक प्रतिरोध है। हम यह विचार नहीं कर सकते हैं कि अंतर विशुद्ध रूप से ये नाममात्र और आकस्मिक हैं। उनके बीच अंतर केवल आंशिक है। साधारणता माना जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम क्षमता होती है, लेकिन क्या पुरुष एक-दूसरे से क्षमता में भिन्न नहीं होते हैं। कुछ मामलों में महिलाएं अक्सर पुरुषों की तुलना में बेहतर होती हैं।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद की सर्वाधिक तार्किक एवं युक्तिसंगत पूर्णधारणा है?- a) पुरुष और महिलाओं में कोई अंतर नहीं होता है
- b) पुरुष और महिलाएं पूर्ण रूप से भिन्न होते हैं
- c) पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक श्रेष्ठ होती हैं
- d) महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक श्रेष्ठ होते हैं
Answer: (b)
(b) विकल्प b में दिया गया कथन उपरोक्त परिच्छेद की सर्वाधिक तार्किक एवं युक्तिसंगत पूर्णधारणा है, जिसके अनुसार पुरुष और महिलाएं पूर्णरूप से भिन्न होते हैं। परिच्छेद के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि पुरुष और महिलाओं में कोई अंतर नहीं होता है। परिच्छेद के आधार पर यह सिद्ध नहीं होता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक श्रेष्ठ होती हैं और न ही यह कि महिलाओं की तुलना में पुरुष। कुछ मामलों में पुरुष, तो कुछ मामलों में महिलाएं श्रेष्ठ होती हैं। अर्थात उनमें भिन्नता पाई जाती हैं।
परिच्छेद 13
हाल में एक उच्च न्यायालय ने कहां कि ‘विधि अधिकारी को विधि विशेषज्ञ होना चाहिए न कि राजनीति विशेषज्ञ’। किसी अधिवक्ता को मिलने वाला पद इस बात पर निर्भर करता है कि पद के उम्मीदवार को राजनीतिक दल या राजनीतिक दल के नेताओं के मित्रों या फिर उनके परिवार के सदस्यों का कितना राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कुछ अधिवक्ता, जिन्हें वकालत का पर्याप्त अनुभव प्राप्त नहीं है, वे विधि अधिकारी के रूप में केवल इसलिए न्यायालयों पर बोझ हैं, क्योंकि या तो उनकी निष्ठा राजनीतिक दल के प्रति होती है या दल के शीर्ष नेताओं के मित्रों या फिर उनके पारिवारिक सदस्यों के प्रति है। न्यायालय ने यह उम्मीद जाहिर की है कि सरकार विधि अधिकारियों की तर्कपूर्ण ढंग से नियुक्ति के लिए पहले समुचित नियम बनाएगी।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परीच्छेद में निर्णायक अनुमान निकाला जा सकता है?- a) विधि अधिकारियों की नियुक्ति विवेकपूर्ण ढंग से नहीं होती है
- b) पर्याप्त अनुभव होने के बावजूद भी कुछ अधिवक्ताओं को विधि अधिकारियों के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है
- c) राजनेताओं के रिश्तेदार यदि अधिवक्ता हैं, तो उन्हें विधि अधिकारियों के रूप में नियुक्त से बचना चाहिए
- d) अधिवक्ता जो बड़े नेताओं के परिवार से जुड़े होते हैं, उन्हें कानून का आधारभूत ज्ञान न होने पर भी विधि अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है
Answer: (a)
(a) उपरोक्त परिच्छेद में निर्णायक अनुमान निकाला जा सकता है कि विधि अधिकारियों की नियुक्ति विवेकपूर्ण ढंग से नहीं होती है। किसी अधिवक्ता को मिलने वाला पद इस बात पर निर्भर करता है कि पद के उम्मीदवार को राजनीतिक दल या राजनीतिक दल के नेताओं के मित्रों या फिर उसके परिवार के सदस्यों का कितना राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। न्यायालय ने यह उम्मीद जाहिर की है कि सरकार विधि अधिकारियों की तर्कपूर्ण ढंग से नियुक्ति के लिए पहले समुचित नियम बनाएगी।
परिच्छेद 14
लेखक विभिन्न प्रकार के होते हैं। पहले प्रकार के लेखक सेलिब्रिटी प्रकार के होते हैं, जिनके चेहरे उनकी पुस्तकों की अपेक्षा अधिक प्रसिद्ध होते हैं, जिन्हें उनके प्रकाशक महत्व देते हैं और जो पूरे देश में महत्वपूर्ण आयोजनों के अवसर पर आमंत्रित किए जाते हैं। अन्य प्रकार के वे लेखक होते हैं, जिनकी रचनाएं प्रकाशित नहीं होती हैं। उन्हें वर्षों तक दर्जनों बार यह उत्तर मिलता है कि हमें खेद है और अन्यत्र के लिए शुभकामनाएं। फिर भी उन्होंने लेखन नहीं छोड़ा है। लेखकों का एक अन्य प्रकार भी है, जिन्हें कम संघर्ष करना पड़ता है तथा जिन्हें कम सफलता मिलती है। अपने पाठकों की कम संख्या के कारण वे भले ही सेलिब्रिटी न बन पाए, किंतु उनकी रचनाएं नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परीच्छेद में सबसे तर्कसंगत उपनिगमन है?
- a) कुछ लेखकों को अपना कार्य प्रकाशित कराने के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है
- b) प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाओं के बीच बढ़ती विसंगतियों का कारण लेखन प्रतिभा की कमी है
- c) विश्व में सेलिब्रिटी लेखक सीमित संख्या में हैं
- d) पाठकों द्वारा कुछ लेखकों के प्रति अन्याय किया जाता है
Answer: (a)
(a) विकल्प a में दिया गया कथन उपरोक्त परीच्छेद में सबसे तर्कसंगत उपनिगमन है। इस परिच्छेद में यह वर्णित है कि अन्य प्रकार के वे लेखक हैं, जिनकी रचनाएं प्रकाशित नहीं होती हैं। उन्हें वर्षों तक दर्जनों बार यह उत्तर मिलता है कि हमें खेद है और अन्यत्र के लिए शुभकामनाएं। इससे यह तर्क निकाला जा सकता है कि कुछ लेखकों को अपना प्रकाशित कराने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है परिच्छेद के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकलता है कि प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाओं के बीच बढ़ती विसंगतियों का कारण लेखन प्रतिभा की कमी है। बहुत से योग्य लेखकों की रचनाएं प्रकाशित नहीं हो पाती हैं। परिच्छेद से यह भी सिद्ध नहीं किया जा सकता है कि विश्व में सेलिब्रिटी लेखक सीमित संख्या में हैं। पाठक उन्हीं रचनाओं को पढ़ता है, जो प्रकाशित हों एवं उपयोगी हों।