UPSC CSE Comprehension 2025 Practice
Comprehension Part - 1
हेलो दोस्तों, आप सभी लोगों का Towards UPSC CSE में स्वागत है। दोस्तों आज हम UPSC CSE Comprehension 2025 Practice के बारे में जानेंगे।
UPSC CSE Comprehension 2025 Practice Comprehension Part - 1
निम्नलिखित परिचछेदों को ध्यान से पढ़ कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रश्नों के उत्तर केवल परिच्छेद पर आधारित होने चाहिए।परिच्छेद 1
विरासत केवल स्मारकों या कलात्मक वस्तुओं के संग्रह तक ही सीमित नहीं होती है। इनमें पूर्वजों से प्राप्त परंपराएं और व्यवहार, जैसे की लोकरीतियां, ललित कलाएं, धर्म, सांस्कृतिक त्योहार और परंपरागत हस्तशिल्प सम्मिलित होते हैं। जिन्हें हम आने वाली पीढियां को सौंपते हैं। यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत स्वभावतः नाजुक होती है और इसके संरक्षण की आवश्यकता होती है। क्योंकि यह बढ़ाते हुए वैश्वीकरण के दौर में सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करने की समझ अंतरराष्ट्रीय अंतर सांस्कृतिक संवाद की प्रक्रिया की सहायक है और लंबी अवधि में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को प्रोत्साहित करती है।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद का सर्वोत्तम सारांश रूप प्रस्तुत करता है?- a) अमूर्त सांस्कृतिक विरासत, अंतर्राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक संवाद की प्रक्रिया का सर्वाधिक विशिष्ट साधन है
- b) अमूर्त सांस्कृतिक विरासत, सांस्कृतिक विविधता की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है
- c) अमूर्त सांस्कृतिक विरासत देशों के बीच पारंपरिक ज्ञान के स्थानांतरण में सहायक करती है
- d) अमूर्त सांस्कृतिक विरासत लोकरीतियों को संरक्षित करने में सहायक करती है, जो स्वभावतः नाजुक होती है
Answer: (b)
(b) विकल्प b में दिया गया कथन उपरोक्त परिच्छेद का सर्वोत्तम सारांश प्रस्तुत करता है। परिच्छेद में यह वर्णित है की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संभवतः नाजुक होती है और इसके संरक्षण की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह बढ़ते हुए वैश्वीकरण के दौर में सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करने की समझ अंतरराष्ट्रीय अंतर सांस्कृतिक संवाद की प्रक्रिया में सहायक होती है। वर्तमान में यह संस्कृत विविधता को सुरक्षित रखने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में भी सहायक है। यह केवल लोकरीतियों को संरक्षित नहीं करती, अपितु विभिन्न प्रकार की परंपराओं एवं व्यवहार को भी संरक्षित करती हैं।
परिच्छेद 2
वर्तमान में जलवायु परिवर्तन पर कार्यवाही करने के विरोधकर्ताओं को उन्ही गुटों, व्यक्तियों और संगठनों का साथ प्राप्त है, जो पहले तंबाकू उद्योग के साथ मिलकर उस विज्ञानशोध को कलंकित करने का प्रयास कर रहे थे, जो धूम्रपान और फेफड़ों के कैंसर का संबंध बताता है। इन्होंने इस बात का भी विरोध किया कि कोयला चालित बिजली संयंत्रो से ऊपर उत्पन्न होने वाला सल्फर ऑक्साइड ‘अम्ल वर्षा’ का कारण है। जब यह खोज की गई कि कुछ रसायन जिन्हें क्लोरो-फ्लोरो कार्बन के नाम से जाना जाता है, उनके कारण पर्यावरण में ओजोन की कमी हो रही है। इसी समूह ने तंबाकू के बड़े व्यवसायियों का इस बात से भी बचाव किया कि धूम्रपान के धुएं से कैंसर और अन्य बीमारियां होती हैं। विज्ञान पर लगाए जाने वाले आरोपों के गलत सिद्ध होने पर भी वे स्थापित तथ्यों पर संदेह पैदा कर रहे हैं।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद में सबसे तर्कसंगत उपनिगमन है?- a) विरोधकर्ताओं को निहित स्वार्थों वाले समूहों या गुटों का समर्थन प्राप्त है, जिनका विभिन्न मुद्दों पर तर्क समान हैं
- b) विरोधर्ताकओं के तरीके एवं प्रयासों के कारण समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है
- c) विरोधकर्ताओं का मुख्य उद्देश्य तंबाकू उद्योग को बचाना है, जो रोजगार का प्रमुख साधन है
- d) वैज्ञानिक सिद्धांतों एवं मान्यताओं को तर्क के आधार पर गलत सिद्ध किया जा सकता है
Answer: (a)
(a) कथन a सबसे तर्कसंगत उपनिगमन है, क्योंकि परिच्छेद में स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन एवं उसको बचाने के लिए हो रहे वैश्विक प्रयासों के बीच एक ऐसा समूह भी सक्रिय है, जो वैज्ञानिक सिद्धांतों एवं मान्यताओं को गलत सिद्ध करने का प्रयास करता है। तर्क के आधार पर वैज्ञानिक मान्यताओं का खंडन नहीं किया जा सकता है इसका विरोध पूर्णतः निहित स्वार्थों पर अवलंबित है, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।
परिच्छेद 3
वर्तमान में रणनीतिक और आर्थिक दोनों कारणों से प्रतिरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और दूसरे देशों पर निर्भरता कम करना विकल्प के अतिरिक्त आवश्यकता है। अतीत में सरकार ने सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयुध कारखानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के रूप में प्रतिरक्षा के क्षेत्र में उत्पादन क्षमता का निर्माण किया था। फिर भी विभिन्न रक्षा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता और योग्यता बढ़ाने के लिए भारतीय निजी क्षेत्र की भूमिका को बढ़ाने की आवश्यकता है। घरेलू स्तर पर भी विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर प्रारंभ किया गया है। प्रतिरक्षा क्षेत्र में यह कार्यक्रम सरकार की खरीद नीति द्वारा संचालित होगा, क्योंकि इन उत्पादों की खरीददारी केवल सरकार करेगी। इससे न केवल बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत होती है, बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी दूर होती हैं।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद का निर्णायक अनुमान निकाल सकता है?- a) प्रतिरक्षा उत्पादन क्षमताओं में वृद्धि करने हेतु सरकार द्वारा अतीत में उठाए गए कदम सफल हो गए थे
- b) ‘मेक इन इंडिया’ पहल से पहले, भारत के निजी क्षेत्र ने प्रतिरक्षा उत्पादों के निर्माण में कोई भूमिका नहीं निभाई थी
- c) अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्रतिरक्षा क्षेत्र में सरकार की खरीद नीति का ‘मेक इन इंडिया’ पर अधिक प्रभाव होगा
- d) प्रतिरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना सरकार का दूरगामी लक्ष्य है
Answer: (d)
(d) विकल्प d में दिया गया कथन उपरोक्त परिच्छेद का निर्णायक अनुमान निकाल सकता है, क्योंकि परिच्छेद में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में रणनीतिक और आर्थिक दोनों कारणों से प्रतिरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और दूसरे देशों पर निर्भरता कम करना आवश्यक है। यह प्रतिरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना सरकार के दूरगामी लक्ष्य को प्रदर्शित करता है। परिच्छेद में यह वर्णन नहीं किया गया है कि पुरानी नीति विफल हो गई थी। ‘मेक इन इंडिया’ पहल से पहले, भारत के निजी क्षेत्र में प्रतिरक्षा उत्पादों के निर्माण में क्या भूमिका निभाई थी, इसका परिच्छेद में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। मेक इन इंडिया की प्रतिरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी, लेकिन अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्रतिरक्षा क्षेत्र में सरकार की खरीद नीति का ‘मेक इन इंडिया’ पर अधिक प्रभाव होगा ऐसा परिच्छेद में स्पष्ट नहीं किया गया है।
परिच्छेद 4
भूमि के विकास के लिए किया जाने वाला जानवरों का पुनर्वास मुश्किल ही सफल होता है और इससे कुछ प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने पाया कि ‘न्यूनीकरण स्थानांतरण’ विकास परियोजनाओं से होने वाले दुष्परिणाम में कमी करने वाली स्थानांतरण प्रक्रियाओं में तीव्र वृद्धि हुई है और यह वृद्धि प्राणियों की संख्या को सुरक्षित करने वाली वैज्ञानिक पद्धति से कहीं अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘न्यूनीकरण स्थानांतरण’ करने वाली प्रक्रियाएं सर्वोत्तम वैज्ञानिक पद्धतियों का अनुसरण करने में असफल रही हैं और उनका रिकॉर्ड खराब रहा है, जिससे कि हम उनसे कुछ सबक नहीं ले पा रहे हैं और इसके फलस्वरुप भविष्य में किए जाने वाले किसी भी संरक्षण प्रक्रिया वाली परियोजना की क्षमता में वृद्धि नहीं हो पा रही है।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद में सर्वाधिक तार्किक, तर्कसंगत और महत्वपूर्ण संदेश है?- a) जानवरों की मृत्यु और कुछ के विलुप्त होने के बढ़ते हुए मामलों का कारण इनके संरक्षण के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों की कमी है
- b) न्यूनीकरण स्थानांतरण के दौरान जानवरों की मृत्यु में होने वाली वृद्धि का कारण पुनर्वास की परंपरा की अनुपस्थिति है
- c) जानवरों के पुनर्वास में सुधार सुनिश्चित करने के लिए जानवरों के पुनर्वास की दर को कम करना आवश्यक है
- d) जानवरों की कुछ प्रजातियों के विलुप्त होने का सर्वप्रमुख कारण भूमि के विकास के लिए किया जाने वाला जानवरों का पुनर्वास है
Answer: (a)
(a) विकल्प a में दिया गया कथन उपरोक्त परिच्छेद में सर्वाधिक तार्किक, तर्कसंगत और महत्वपूर्ण संदेश है, जिसके अनुसार जानवरों की मृत्यु और कुछ के विलुप्त होने तथा इसके बढ़ते हुए मामलों का कारण इनकी संरक्षण के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों की कमी है, क्योंकि परिच्छेद में वर्णित है कि रिपोर्ट के अनुसार, न्यूनीकरण स्थानांतरण करने वाली प्रक्रियाएं सर्वोत्तम वैज्ञानिक पद्धतियों का अनुसरण करने में असफल रही हैं और इनका रिकॉर्ड खराब रहा है, जिससे कि हम उनसे कुछ सबक नहीं ले पा रहे हैं और इसके फलस्वरुप भविष्य के लिए किए जाने वाले किसी भी संरक्षण प्रक्रिया वाली परियोजना की क्षमता में वृद्धि नहीं हो पा रही है।
परिच्छेद 5
भारत में, पिछले दशक अथवा उसके आस-पास श्रमिक कृषि से हट रहे हैं, परंतु वे केवल निर्माण तथा गैर-पंजीकृत विनिर्माण, जोकी स्पष्टतः बेहतर रोजगार अवसर नहीं है, में जा रहे हैं। सेवाएं, जहां श्रम की प्रवृत्ति अधिक उत्पादनकारी होती है, अतिरिक्त रोजगार अवसर उत्पन्न नहीं कर रही है, जिनकी देश को आवश्यकता है। भारत को अगले दशक में लगभग 24 मिलियन नौकरियों की आवश्यकता होगी। नया सेक्टर, ई-व्यापार, रोजगार के अंतर को अधिक से अधिक आधा ही भर पाएगा। केवल वे सेक्टर जो घरेलू मांग को बढ़ावा देते हैं, जैसे स्वास्थ्य तथा शिक्षा, शेष आधे भाग को सुगमतापूर्वक भर सकते हैं।
UPSC (CSAT) 2020
परिच्छेद में निम्नलिखित में से कौन सा निहितार्थ सर्वाधिक महत्वपूर्ण निहितार्थ है?- a) ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में श्रमिकों का प्रवसन कम करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है
- b) निर्माण तथा गैर-पंजीकृत विनिर्माण में कार्य करने की स्थितियों में सुधार लाना चाहिए
- c) सेवा सेक्टर बेरोजगारी की समस्या को कम करता रहा है
- d) बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सामाजिक क्षेत्र में खर्च का बढ़ना आवश्यक है
Answer: (d)
(d) दिए गए विकल्प d में परिच्छेद का सर्वाधिक महत्वपूर्ण निहितार्थ है, जो यह अभिव्यक्त करता है कि बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सामाजिक क्षेत्र में खर्च को बढ़ाना आवश्यक है। दिया गया परिच्छेद रोजगार तथा रोजगार उत्पन्न करने वाले प्रमुख सेक्टरों से संबंधित है। परिच्छेद के अनुसार, स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसे सामाजिक सेक्टर, घरेलू मांग को बढ़ावा देते हैं, जिसमें रोजगार के बेहतर अवसर होते हैं, जिसमें मांग के आधे भाग को भरने की क्षमता पाई जाती है।
परिच्छेद 6
हिंद महासागर के बंदरगाह शहर करबन में गांधीजी और उनके साथियों ने उस तरीके का प्रयोग किया, जिसके द्वारा प्रिंटिंग और प्रकाशन अपनी नैतिकता को व्यक्त कर सकते थे। एक आश्रम में स्थापित प्रिंटिंग प्रेस ने ऐसे समुदाय को बनाया, जिसमें विभिन्न जातियां, संप्रदाय, भाषा तथा लिंग को एक अनूठी व्यवस्था में पिरोया गया। गांधीजी ने क्रमिक रूप से समाचार-पत्र से विज्ञापनों को बाहर किया और बाजारवाद से मुक्त एक आदर्श पाठक वर्ग तैयार करते हुए, कॉपीराइट कानूनों और राजकीय आदेशों पर बहुत कम ध्यान दिया।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परीच्छेद में सर्वाधिक तार्किक धारणा है?- a) सर्वप्रथम गांधीजी के प्रयासों से प्रिंटिंग और प्रकाशन ने नैतिकता को अभिव्यक्त किया था
- b) गांधीजी ने अपने सिद्धांतों पर समाचार-पत्रों का प्रकाशन प्रारंभ किया
- c) गांधीजी के काल में कॉपीराइट कानून और राजकीय आदेशों पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाता था
- d) वर्तमान में मीडिया वाक्य एवं विचारों की स्वतंत्रता का सर्वाधिक दुरुपयोग करती है
Answer: (b)
(b) विकल्प b में दिया गया कथन उपरोक्त परिच्छेद में सर्वाधिक तार्किक धारणा है, जिसके अनुसार गांधीजी ने अपने सिद्धांतों पर समाचार-पत्रों का प्रकाशन किया, क्योंकि परीच्छेद में यह दिया गया है कि हिंद महासागर में बंदरगाह शहर करबन में गांधीजी और उनके साथियों ने उस तरीके का प्रयोग किया, जिसके द्वारा प्रिंटिंग और प्रकाशन अपनी नैतिकता को व्यक्त कर सकते थे। इसके अतिरिक्त गांधीजी ने क्रमिक रूप से समाचार-पत्र से विज्ञापनों को बाहर किया और बाजारवाद से मुक्त एक आदर्श पाठक वर्ग तैयार करते हुए, कॉपीराइट कानूनों और राजकीय आदेशों पर बहुत कम ध्यान दिया। परीच्छेद में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि सर्वप्रथम गांधीजी के प्रयासों से प्रिंटिंग और प्रकाशन ने नैतिकता को अभिव्यक्त किया था।
परिच्छेद 7
प्रतिक्षण परिवर्तनशील इस दुनिया में ज्ञान का लगातार विकास हो रहा है। इस विकास प्रक्रिया से कदम मिलाते हुए परिवार रूपी संस्था को भी बदलना पड़ेगा, ताकि यह भी इन परिवर्तनों के साथ स्वयं को समायोजित कर सके। वर्तमान में यदि कोई राष्ट्र कोई गलत कार्य करता है, तो बाहरी शक्तियां बिना उसकी संप्रभुता की परवाह किए बिना उनके मामलों में हस्तक्षेप करती हैं। ऐसी ही स्थिति परिवार की है। यह भी समाज के लोगों से सुझावों एवं नीति-नियमों की अपेक्षा रखती है। विचारों को जीवन में उतारना होगा, तभी परिवार रूपी संस्था को जीवन का नया झोंका मिल सकेगा तथा वह इस बदलते परिवेश में समाज को एक उचित आधार प्रदान करने में सफल होगा।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन उपरोक्त परिच्छेद में सर्वाधिक तार्किक और युक्तिसंगत अनुमान है?- a) इस दुनिया में ज्ञान एवं विचार प्रतिक्षण परिवर्तनशील है
- b) परिवार से भी सामाजिक परिवर्तन से समायोजन की अपेक्षा होती है
- c) परिवार एवं देश की स्थिति संप्रभुता के संदर्भ में समान होती है
- d) परिवार, समाज को उचित आधार प्रदान करने में असफल रहा है
Answer: (b)
(b) विकल्प b में दिया गया कथन उपरोक्त परीच्छेद में सर्वाधिक तार्किक और युक्तिसंगत अनुमान है, क्योंकि परिच्छेद में यह वर्णित है की प्रतिक्षण परिवर्तनशील इस दुनिया में ज्ञान का लगातार विकास हो रहा है। इस विकास प्रक्रिया से कदम मिलाते हुए परिवार रूपी संस्था को भी बदलना पड़ेगा, ताकि वह भी इन परिवर्तनों के साथ स्वयं को समायोजित कर सके। इससे यह स्पष्ट है कि परिवार से भी सामाजिक परिवर्तन से समायोजन की अपेक्षा होती है। परिच्छेद में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पतिक्षण परिवर्तनशील दुनिया में ज्ञान एवं विचार भी परिवर्तनशील हैं। परिवार एवं देश की स्थिति यद्यपि संप्रभुता के संदर्भ में समान होती है, लेकिन संप्रभुता तात्पर्य संदर्भ विभिन्न होता है। कुछ देशों में परिवार संप्रभुता नहीं भी हो सकता है। परिच्छेद के आधार पर यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है कि परिवार, समाज को उचित आधार प्रदान करने में असफल रहा है।