medieval-history-part-1

प्रारंभिक मध्यकालीन भारत (750-1200 ईस्वी) का काल भारतीय इतिहास में संक्रमणकाल माना जाता है। यह काल गुप्तोत्तर युग की समाप्ति के पश्चात आरंभ होता है और दिल्ली सल्तनत की स्थापना तक चलता है। इस युग में भारत अनेक छोटे-बड़े राजवंशों में विभाजित रहा और क्षेत्रीय संस्कृतियों का अभूतपूर्व विकास हुआ।

1. प्रमुख राजनैतिक घटनाएँ और राजवंश

(1) उत्तर भारत में –

गुर्जर प्रतिहार वंश (8वीं – 11वीं सदी) संस्थापक: नागभट्ट प्रथम

प्रमुख शासक: मिहिरभोज, नागभट्ट द्वितीय

प्रतिहारों ने अरब आक्रमणों को रोका और कन्नौज पर अधिकार स्थापित किया।

तीन प्रमुख शक्तियाँ – पाल, राष्ट्रकूट, और प्रतिहार – कन्नौज के लिए त्रिकोणीय संघर्ष में लिप्त रहीं।
पाल वंश (8वीं – 12वीं सदी)

संस्थापक: गोपाल

प्रमुख शासक: धर्मपाल, देवपाल

पाल शासकों ने बंगाल और बिहार में बौद्ध धर्म को संरक्षित किया।

विक्रमशिला और नालंदा जैसे शिक्षा केंद्रों का विकास इसी काल में हुआ।

राजपूत वंश (9वीं – 12वीं सदी)

चौहान, परमार, सोलंकी, और चंदेल – ये सभी प्रमुख राजपूत वंश थे।

पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी से 1191 में तराइन की प्रथम लड़ाई जीती, परन्तु 1192 में द्वितीय लड़ाई में हार गया।

(2) दक्षिण भारत में –
राष्ट्रकूट वंश (753–982 ई.)

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